सदा जो सुसंगत में आते रहेंगे विवेकी स्वयं को बनाते रहेंगे उन्हीं की बनी और बनती रहेगी सदा जो सुसंगत में आते रहेंगे विवेकी स्वयं को बनाते रहेंगे उन्हीं की बनी और...
मुझे नाले के रूप में परिवर्तित न करो मैं नदी हूँ मुझे नदी ही रहनें दो। मुझे नाले के रूप में परिवर्तित न करो मैं नदी हूँ मुझे नदी ही रहनें दो।
अभिसार बेला मधुमासी आती गाछ लिपट वल्लरि शरमाती अभिसार बेला मधुमासी आती गाछ लिपट वल्लरि शरमाती
रात, चाँदनी और सितारे साक्षी मेरी पीड़ा के रात, चाँदनी और सितारे साक्षी मेरी पीड़ा के
तपकर बन गई है तू सिर्फ वनिता नहीं देवात्मा ! तपकर बन गई है तू सिर्फ वनिता नहीं देवात्मा !
अरी ! चंचले तनिक संभल जा, महा मिलन की बेला आई। अरी ! चंचले तनिक संभल जा, महा मिलन की बेला आई।